बिरळि सि बल मि क्य छौं? पजल-8 जगमोहन सिंह रावत 'जगमोरा'. GARHWALI PUZZLE
सगि हूंदी जी ब्वै
त किलै आंदि रुवै
ब्वै बल चंद्रमुखड़ी
हुंद सूरिज मुखड़ी
त बल पु रनमासी
त एक दिनै मासी
जु बल मौस्याण ह्वै
वु बल औस्याण ह्वै
बल छोड़ो नि कव्वा
कभी अपणो लव्वा
कफ्फू का पोथला
पलि ह्वै जंदन हव्वा
कफ्फू का पोथलू
त कफ्फू मा जौंला
घुघुति को लठ्यालू
करु सुद्दिक चंचौला
काग ककड़ांदि रंदि
त पीना पकदिं रंदि
खाणुखुबु जत्ग भात
काणु कुबु एक जात
कव्वों म बल हाडगु
कुव्वों म जन मेंढ़गु
अपणु माटि क उंडौ
बिरणु माटि क फुंडौ
बल बिरळा भागन
त बल छींका फुटा
अर स्याळा भागन
त बल मेलू पका
औंस सि औंसी छौं
इलै मौन सी छौं
बल मि माँ सी छौ
बिरळि सि मि क्यछौं?
शब्दार्थ
ब्वै- मॉं रुवै-रोना) मौस्याण-सौतेली माँ औस्याण-अमावस सि कव्वा-कौआ लव्वा-रंग कफ्फू- कोयल पोथला-बच्चे हव्वा- उड़नछू घुघुति-कबूतर की प्रजाति का पंछी लठ्यालू-बच्चा चंचौला-चोंचले ककड़ांदि-कांव कांव करना पीना- खाने की पिन्नी काणु कुबु (काना कुबड़ा कौआ) हाडगु: हड्डी मेंढ़गु-मेंढ़क उंडौ- इस तरफ बिरणु (पराई) फुंडौ-उस तरफ बिरळा-बिल्ली के स्याळा-सियार के मेलू:चीकू फल औंस सि औंसी (औंसमात्र अशुभ) बिरळि सि- बिल्ली सी
जगमोहन सिंह रावत 'जगमोरा'
प्रथम गढ़गीतिकाव्य पजलकार
मोबाइल नंबर-9810762253
नोट: पजल का उत्तर एक शातिर चित्तचोर की तरह अपनी ओपन निशानदेही के चैलेंज के साथ छंदबद्ध स्वरूप पजल में ही अंतर्निहित तौर से छिपा हुआ होता है
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