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बैंण कानूनी बल मि क्य छौं? पजल-9 जगमोहन सिंह रावत 'जगमोरा'. GARHWALI PUZZLE


बैंण कानूनी बल मि क्य छौं? पजल-9 जगमोहन सिंह रावत 'जगमोरा'. GARHWALI PUZZLE

बल या  औरत  आप  घर

या फिर अपणा  बाप  घर

बल  अंग्वाल्ठों  का  भारा

कख छा भैज्युं  का  सारा

जब सुणदु भैजि  बांसुली

ज्यू  बोदो  घार  उंड   औ

जब सुणदु भौजि मांगली

ज्यू बोदो  बोण  फुंड  जौं


खै निजाणि खसम कांगो

नाच निजाणि चौक बांगो

बल मरद का घुंडम भाग

जनानि का घुंडम दिमाग

सास बोल्दि  बेटि  तैं  चा

पर सुणादि ब्वारि  तैं  चा

एक त बल दगड़ी  स्येंणी

त फिर घुन्जगुड़ी लगौंणी


तेरि   दांथड़ि   तेरा    जौ

जख्बटैसक्दी तख्बटै लौ

तेरि  मुंगरि  तब  पाकली

तेरि ससुरि  जब  राखली

बल ज्यै घार नणद बसद

त त्यै घरै भौज खिसकद

त बल ढ़िबरौ  चर्यूं  घास

नि हूंद बेट्युं चर्युं  निवास


एक म्यान म  द्वि  तलवार

निरैस्क्दिं घरम द्वि ठसमार

एक हातन् तालि नि बजद

बिन बातन् धुंवा  नि उठद

बल गेड़ गांठि  गिणद  छौं

मि मैतै  बांठि  जणद   छौं

सासुसि कर्दु बौकि निसेण

बैंण कानूनी बलमि क्यछौं?


शब्दार्थ

आप घर-अपने पति के घर      अंग्वाल्ठों का भारा: एक बांह में जितना भार समेट सकें   भैज्युं का सारा: भाई का सहारा   भैजि बांसुली-भाई के मधुर गीत   ज्यू बोदो- दिल बोलता   घार उंड औ-मायके आऊं,   भौजि मांगली- भाभी के मांगलमय गीत, ज्यू बोदो बोण फुंड जौं- दिल बोलता परदेश/ससुराल जाऊं      कांगो-कंगला    चौक बांगो-आंगन टेड़ा  ब्वारि- बहू  दगड़ी स्येंणी- संग सो रही    घुन्जगुड़ी लगौंणी-घुटनों को छाती से लगाकर सोना   दांथड़ि-दरांती     जख्बटैसक्दी तख्बटै लौ-जहां से कर सके वहां से फसल काट    मुंगरि -भुट्टे ससुरि-सास ‌‌‌ नणद‌ बसद: ननद बसती है    भौज खिसकद: भाभी खिसकती ‌‌  ढ़िबरौ चर्यूं-भेड़ का चरा हुआ    बेट्युं चर्युं: बेटी का चरा हुआ     ठसमार: जो दूसरे को‌ सह न सके     गेड़ गांठि: मन की/पैंसे की गांठ      मैतै बांठि (मायके का हिस्सा)      बौकि: भाभी की   निसेण: नींद हराम    बैंण:बहन


जगमोहन सिंह रावत 'जगमोरा'

प्रथम गढ़गीतिकाव्य पजलकार

मोबाइल नंबर-9810762253


नोट:- पजल का उत्तर एक शातिर चित्तचोर की तरह अपनी ओपन निशानदेही के साथ छंदबद्ध स्वरूप पजल में ही अंतर्निहित तौर पर छिपा हुआ होता है

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